सबसे प्रेम, सबसे ममता,
इसके आगे हर कोई नमता।
नहीं कहीं हों भेद, हो समता,
इससे कुछ नहीं अपना कमता।
नहीं कहीं हो कोई बाहुबली,
सबकी एक जैसी हो क्षमता।
मंदिर वही जहां दिल जमता,
जैसे माँ के ह्रदय की ममता।
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प्रार्थना
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प्रार्थना
सबसे प्रेम, सबसे ममता, इसके आगे हर कोई नमता। नहीं कहीं हों भेद, हो समता, इससे कुछ नहीं अपना कमता।…